चर्चा के बाद विराट कोहली ने आलोचकों को सिखाया सबक
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान और विंडीज में अपने मनोबल को बनाए रखने के लिए जाने जाने वाले बने के रूप में प्रसिद्ध विराट कोहली ने 49वें शतक के बाद कसौटी पर सवाल उठाया है। मेंफिंच में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए महामुकाबले में उन्होंने ११० गेंदों पर आउट होते हुए शतक बनाया है। प्रशंसापत्र बनने के बाद भी उन्होंने आलोचकों को चिड़ाने और सिखाने को टाल दिया है।
कोहली ने मैच के दौरान आक्रामक बल्लेबाजी की बजाय खुद को टिकावत का रुप दिया है। खोले रहने के लिए बाउंड्री बॉल को देखने की क्षमता को मान्यता दिया है, वहीं मौज़देंहारी की महत्वता को भी बखूबी समझते हुए खुद को सम्मिलित किया है। पाकिस्तानी हमलावरों के केंद्रीय बल्लेबाजी पर फोकस करने से बचकर उन्होंने खुद को टीम के लिए समर्पित किया है।
इसी कारण, मोहम्मद हफीज ने उन्हें सेल्फिश बताया है और इस आरोप को नगण्य किया है। लोगों ने इस बनावटी बात को बकवास कहा है, क्योंकि हर जीत के लिए एक बल्लेबाजी नहीं होती है और कोहली का खेलवन कठोर और अग्रिम है।
पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी और टीम के कोच वेंकटेश प्रसाद ने इन सभी विवादों को देखा है और उच्चारण के माध्यम से विराट कोहली के खेल के प्रशंसापूर्ण तरीकों की सराहना की है। वहीं, आलोचकों को जवाब देते हुए उन्होंने कहा है कि कोहली की उर्जा और क्षमता का यह स्तर केवल हकीकत में ही मायने रखता है। उन्होंने उनकी दृष्टि देखकर और मौजूद हुए क्षेत्र की हालत को देखकर इस खेल की महिमा की प्रशंसा की है।
इसलिए, कोहली ने अपनी बल्लेबाजी द्वारा आलोचकों को सबक सिखाया है और उन्होंने खुद को विदेशी भारतीयों के साथ संलग्न कर अपने उन्नयन में मदद करने के लिए उठाया है। इसका परिणामस्वरूप, उन्हें सराहा गया है और खेल जगत में उनकी सामरिक महिमा की प्रशंसा की गई है।
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