पाकिस्तान में जल्द होने वाले चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया है। इसका ऐलान चुनाव आयोग ने किया है और उसने निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन की समीक्षा और सूची को अद्यतन किया है। इस कार्यावधि में पाकिस्तानी संसद को भंग कर दिया गया है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर यह निर्णय लिया है। यह नहीं होने वाले कार्यकाल का अनुभव पाकिस्तान की राजनीति में एक आम समस्या है। इसके पीछे की वजहें हैं सेना का बड़ा दखल होना और जनता की सरकारी संस्थानों पर विश्वास की कमी।
पाकिस्तान में जल्द होने वाले चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया है। इसके बाद से पाकिस्तानी राजनीति में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। चुनाव आयोग ने देश के निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन की समीक्षा की है और उसके बाद की सूची को अद्यतन किया है। यह सभी निर्वाचन क्षेत्रों के लाभकारी होगा और भासा एवं कुलसंख्या का उपयोग करके होगा।
इस बीच पाकिस्तान की संसद को भंग कर दिया गया है। प्रशासनिक या कार्यात्मक योग्यता के विवाद के चलते, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर यह निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री ने अब तक छह महीनों के लिए कटिबंधी लगा दी है, जिससे वह कानूनी कार्यकाल को पूरा कर सकेंगे।
पाकिस्तान में यह समस्या बहुत आम है, जहां तक देखा जा सकता है, कई सरकारों की कार्यकाल समाप्त नहीं हो पाए हैं। इसके पीछे कारण हैं सेना का बड़ा दखल होना और जनता की सरकारी संस्थानों पर विश्वास की कमी। सेना द्वारा व्यक्तिगत और सांस्कृतिक दबावों की पहुंच के कारण, जनता बार-बार सरकार पर विश्वास की समस्या खड़ी कर रही है। इसे ठीक करने के लिए सभी राजनीतिक दलों को मिलकर काम करना होगा और लोगों के विश्वास को जीतना होगा।