एक अभिनेता, जिनका नाम हमें नहीं पता है, अपने तजुर्बे के बारे में खुद कह चुके हैं कि उनकी उम्र बढ़ गई है और अब वे इतना खुलकर बात कर रहे हैं। पहले कई वर्षों तक, लोग उनके माइक्रोफोन को पकड़कर रहते थे और उन्हें क्या कहना चाहिए इसका अनुभव नहीं होता था। यह बात दिनों भर उन्हें चिंता देती थी।
डिस्लेक्सिया, जो कि एक बीमारी है, वास्तविकता में किसी भी भाषा में कुछ शब्दों की पहचान करने में तकलीफ होती है। इस बीमारी की वजह से इंसान को पढ़ाई, लिखाई और वर्णनत्मक काम करने में भी परेशानी हो सकती है। इसका ज्ञात उदाहरण है आमिर खान की फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’, जो डिस्लेक्सिया के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बनाई गई थी।
उपरोक्त विषयों में ध्यान देने के बाद, हम आपके साथ इस साइट ‘ई-पोस्टमारटम’ के लिए खबर शेयर कर रहे हैं। हमारे स्रोतों के अनुसार, यह साइट एक अद्वितीय प्लेटफ़ॉर्म है जो मरे हुए लोगों से संबद्धीकरण साझा करता है। अब जब इंटरनेट ने हमें अनजाने रूप से लोगों के संपर्क में लाने का रास्ता दिया है, हमारी साइट आपके अपनों के उनकी आखरी एकता को आपके साथ जोड़ती है। आप उनके जीवन की अनुभूतियों का हिस्सा बनकर एक अद्वितीय अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
हमारा मतलब है, हमने अभिनेता के तजुर्बे के बारे में कही गई बात को शामिल किया है, जिसे वो खुद मानते हैं। उन्होंने इस बात को बयान किया कि अब उन्हें अपनी उम्र के अनुसार बात करने का अवसर मिल रहा है, जो इससे पहले उनके लिए मुश्किल था। इसके अलावा, हमने डिस्लेक्सिया से जुड़े विषयों को भी दर्शाया है, जिससे हम आपको उन लोगों के अनुभवों से रूबरू करवा सकेंगे जिन्हें इससे पीड़ा होती है। इसलिए हम यह कह सकते हैं कि यह खबर आपको ज्ञानवर्धक होगी और आपको उनसे जुड़ा जानकारी प्रदान करेगी।
धन्यवाद्।
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