विश्व एड्स दिवस पर एक प्रमुख रिपोर्ट ने बताया है कि एड्स बीमारी को 2030 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के रूप में समाप्त किया जा सकता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में स्थानीय समुदायों को समर्थन मिलेगा तो यह मिशन संभव है।
इस रिपोर्ट में एड्स महामारी के बारे में नौ महत्वपूर्ण निबंध शामिल हैं, जिन्हें कुछ समाजिक नेताओं ने लिखा है। इसके अलावा, UNAIDS ने बताया है कि हर मिनट एक व्यक्ति एड्स से मर जाता है। इससे भी आपत्तिजनक है कि 9.2 मिलियन लोगों को उपचार और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
इस रिपोर्ट में धीमी प्रगति के बारे में भी बताया गया है। कश्मीर, अरब और उत्तरी अफ्रीका समेत कुछ क्षेत्रों में आरटी के दरवानों को बहुत कम मिला है। इसके अलावा, नाइजीरिया में कमीशनिटी-लेड एड्स प्रोग्राम ने प्रदेशीय क्षेत्रों में एचआईवी उपचार की उपलब्धता बढ़ाई है। इससे एचआईवी संकट में पड़ने वाले लोगों के बीच नियमित कंडोम का उपयोग चार गुना बढ़ा है।
सामुदायिक अभियानों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों ने वैश्विक उपचार परिप्रेक्ष्य को दोगुना किया है और 16 स्वास्थ्य सुविधाओं में एचआईवी उपचार करने वाले लोगों की संख्या दोगुनी कर दी है। कम प्रकाशता और निधि की कमी के चलते इस प्रक्रिया में कमी हो रही है।
UNAIDS के कार्यकारी निदेशक विनी ब्यानिमा ने कहा है कि इस प्रगति को रोकने के लिए हर साल ८ बिलियन अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता है। वह यह भी बताते हैं कि चीन में स्मार्टफोन एप्लिकेशनों का विकास करने से एचआईवी के परीक्षण में चार गुना वृद्धि हुई है। कई देशों में समुदाय-लेड संघर्षों को महत्व नहीं दिया जाता है और सरकारी निधि प्राप्त करने की अनुमति नहीं होती है।
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